
रसूलाबाद कानपुर देहात। पैगंबर इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की यौमे पैदाइश की मौके पर ईद उल मिलाद का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर जहां रविवार की रात को रोशनी करके चरागा मनाया गया तो वहीं अगले दिन सुबह ईद उल मिलाद के मौके पर जुलूस कए मोहम्मदी शानो शौकत से निकाला गया।
सोमवार को रसूलाबाद करने के लहरापुर मार्ग से जुलूस ए मोहम्मदी का आगाज़ हुआ। मुख्य चौराहा से हज़रत गुलपीर शाह र.अ. की आस्ताने पर ठहरा। जहां मौलाना नायाब खान अजहरी ने पैगंबर ए इस्लाम मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और विलादत को अक़ीदत और मोहब्बत के साथ मनाने की अपील की। इसके बाद जुलूस मुख्य चौराहा पहुंचा। जहां से रहीम नगर, विषधन मार्ग होते हुए नेहरू नगर पहुंचा।
बेला मार्ग होते हुए कानपुर रोड विकास नगर पहुंचा। जुलूस में दुरूदो सलाम का नजराना पेश करते हुए लोग आगे बढ़ रहे थे तो वहीं जगह-जगह खान-पान के स्टॉल और लंगर का भी इंतजाम किया गया था। विकास नगर से झाऊलाल डिग्री कॉलेज से होते हुए जुलूस झींझक रोड विकास नगर पहुंचा। इसके बाद झींझक रोड से वापस आजाद नगर में पहुंचा। जहां पेश इमाम हाजी अब्दुल रऊफ बकाई के आवास पर पुरानी रिवायत के हिसाब से जुलूस का समापन हुआ। इस दौरान उमड़े जनसमूह को संबोधित करते हुए पेश इमाम हाजी अब्दुल रऊफ खान बकाई ने बताया कि हमारे पैगम्बर तमाम आलमों के लिए रहमत बनकर आये। उन्हें तमाम ज़बानों का इल्म है। पूरी दुनियां में अलग-अलग जुबानों के लोग अपनी अपनी जबान में पूरी उनकी याद मनाती है। लेकिन हुजूर सबको समझते हैं।
रसूल दुनियां में आये तो कुरआन मिला, ईमान मिला और ऐसी रोशनी मिली कि अच्छे को अच्छा जाना और बुरे को बुरे जाना। उन्होंने गरीबों मजलूमों की मदद की। कुरआन ने पुकारा की रसूल की बारगाह में चले जाओ तो गुनाह माफ़ हो जाएंगे।
दुनियाँ के किसी भी हिस्से में पुकारोगे तो हुजूर आपके पास होंगे। वहीं इसके बाद सलातो सलाम के बाद फातिहा हुई और सीरीनी तस्कीम की गई। इस दौरान प्रमुख रूप से मौलाना कुतुबुद्दीन, हाजी महताब खान,अकरम सिद्दीकी, नवाज़ शरीफ़,नदीम खान, सपा नेता महफूज खान, हाजी फैजान खान, अकील अहमद पट्टा, मुबीन सिद्दीकी राजा,अतहर खान भुटटो,वसीम अहमद, सभासद मशरूफ़ नवाज़, फरहान मिनी, शाहनवाज राईन, सिराज अहमद, परवेज अहमद, अकरम वारसी,आजम खान,इश्तियाक कुरैशी, अरशद नवाब,हुस्नयार खान, सारिक खान, एबाब खान, शाहरुख मंसूरी,सज्जाक राईन,डा मुस्तकीम, अफलाक खान आदि हजारों लोग रहे।
*देर रात तक हुआ चरागा,घरों में हुई इबादतें*
रसूलाबाद। पैगंबर ए इस्लाम हुजूर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौमे पैदाइश से पहले रसूलाबाद क्षेत्र में जश्न ए चरागा शानो शौकत से हुआ। जहां गलियों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया। सजावट को देखने के लिए कस्बा वासियों का हुजूम देखने को मिला।
रसूलाबाद कस्बे के विभिन्न वार्डों और मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों में बारह रबी उल अव्वल से पहले चरागा के दिन लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर रंग-बिरंगी लाइट लगाई गई तो कई स्थानों पर मक्का शरीफ व मदीना मुनव्वरा का रोजे का अक्स भी बनाया गया। वहीं बस्तियों में शाम से हुआ लंगर देर रात तक चलता रहा। कस्बे के आजाद नगर वार्ड में इमाम चौक पर बारह रबी उल अव्वल से पहले चरागा के दिन पूरी बस्ती को रंग-बिरंगे लाइटों से दुल्हन की तरह सजाया गया। वहीं कबीर नगर , पठान मोहाल, अहमद नगर,लोहिया नगर, नेहरू नगर सहित कई जगहों पर चरागा पर गलियों को खूब सजाया और संवारा गया था।
फोटो……