धर्म

नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की* *भागवत कथा

संवाददाता रामचंद्र मिश्रा (मनमाना गुरु)

ऊंचाहार, रायबरेली। तहसील क्षेत्र के अंतर्गत पूरे राम बक्स मजरे कोटिया चित्रा में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा सत्संग सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस के अवसर पर कथा प्रवक्ता अष्टादस पुराणाचार्य श्री नारायण दत्त शास्त्री जी महाराज ने भगवान के जन्म के कर्म का वर्णन किया ।जब-जब पृथ्वी पर अधर्म, अन्याय, अत्याचार, आक्रांताओं का शासन होता है। तब तब भगवान इस पृथ्वी पर जन्म लेकर दुष्टों का अंत करके भक्तों की रक्षा दीन दुखियों पर दया करते हैं। वर्तमान में को गंगा एवं गाय की अवहेलना पर आचार्य श्री ने विचार रखते हुए कहा गाय सनातन धर्म की रीड की हड्डी है ।बिना गाय के सनातन धर्म अधूरा है ।जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कारों में गाय के पंचगव्य पंचामृत की उपयोगिता है ।इसी प्रकार गंगाजल को अमृत की संज्ञा दी गई है। वर्तमान में हम और आप सब का धर्म है कि हम गाय, गंगा ,जमुना ,तीर्थ ,पुराण शास्त्र और अपनी संस्कृति की रक्षा करें। केवल सरकार के सहारे ना बैठे। भगवान कृष्ण के बाल लीला माखन चोरी उखल बंधन वृंदावन यमुना में कालिया मर्दन आदि लीलाओं का वर्णन करते हुए परम पूजनीय व्यास जी ने गोवर्धन चरित्र का वर्णन किया। गोवर्धन द्रोण गिरी पर्वत के पुत्र हैं और पुलस्त्य ऋषि इनको मथुरा में लाए थे ।गोवर्धन पर्वत को पुलस्त्य ऋषि ने श्राप दिया था। कि वह तिल तिल करके घटते रहेंगे गर्ग संहिता के प्रमाण के अनुसार जब तक पृथ्वी पर गोवर्धन पर्वत है। कलयुग का पूरा प्रभाव धरती पर नहीं होगा सात कोष की परिक्रमा गिरिराज जी की लगाने से समस्त मनवांछित फल की प्राप्ति होती। 56 भोग गोवर्धन पूजन आरती बधाई के साथ संपन्न हुआ। आचार्य अंकित पांडे नीरज शास्त्री एवं ओमप्रकाश शुक्ला, सुरेश जी ने बड़े ही विधान से इस पूजन को संपन्न किया। काफी संख्या में लोगों ने श्री मद भागवत कथा का रस पान किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button