*सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ : डरावना माहौल पैदा कर रहे हैं डॉक्टर मनीष*? _____________________________________ इलाज की बजाय पत्रकार को बनाया निशाना इसको अंदर आने दिया किसने डॉक्टर मनीष _____________________________________ डॉक्टर मनीष की भाषा से आहत हुआ पत्रकार व मरीज के साथ तिमारदार
संवाददाता मनीष यादव

डलमऊ रायबरेली।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर साहब की कार्य पद्धति से मरीज व तीमारदार सहित पत्रकार के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने का सिलसिला डॉक्टर मनीष सिंह के पुराने अंदाज में शूमार है। बीते सोमवार को डलमऊ तहसील संवाददाता सुरेंद्र कुमार भतीजी के उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ पहुंचे बंदरों के हमले से जख्मी हुई बेटी के उपचार के लिए डॉक्टर मनीष के करीब पहुंचे तो डॉक्टर साहब की बेलगाम जवान से बेतुकी लहजे के साथ पत्रकार सुरेंद्र के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करते हुए अमर्यादित भाषा “इसको अंदर किसने आने दिया”जैसे शब्दों का जिक्र करते हुए उपचार करने से पहले ही केबिन से बाहर का रास्ता दिखा दिया बुरी तरह जख्मी बेटी को तत्काल उपचार की जरूरत थी लेकिन डॉक्टर साहब बेतूकी बात करने के बजाय उपचार करने की जहमत नहीं उठा पाए तब तक आहत पत्रकार ने अपनी भतीजी का उपचार किसी दूसरे डॉक्टर से कराया और जैसे ही इस अभद्र व्यवहार की जानकारी ऑल इंडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन इकाई डलमऊ के सदस्यों को हुई तब एक मत होकर पत्रकार बंधुओ ने सीएससी अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपते हुए कार्यवाही की मांग की इतना ही नहीं डॉक्टर मनीष ने देश के चौथे स्तंभ को हासीए पर लेते हुए पत्रकार की आईडी देखने पर उतारू हो गए डॉक्टर साहब का बढ़ता पारा देख पत्रकार सुरेंद्र ने आईडी देखाकर वहां से बाहर निकल जाना ही वाजिब समझा क्या पता डॉक्टर साहब का गुस्सा कौन से आसमान पर रहा हो और अपमानित करने के साथ कहीं दो चार करने पर आमादा हो जाए देश के चौथे स्तंभ को लेकर सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कड़े लहजे में हाल ही में फरमान जारी करते हुए निर्देश दिए कि पत्रकारों के साथ किसी भी तरीके का अमर्यादित व्यवहार, और उनके अस्तित्व के साथ खिलवाड़ करने का किसी भी अधिकारी को कोई अधिकार नहीं है और पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि उनके काम काज में किसी भी तरीके की दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेलगाम डॉक्टर मनीष सिंह की भाषा शैली से जब पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो आम अवाम के प्रति डॉक्टर साहब के द्वारा कैसा व्यवहार रहता होगा इस बात का अंदाजा पत्रकार के साथ हुई अभद्रता से लगाया जा सकता है जब एक पत्रकार डॉक्टर साहब के रसूख के आगे अपने स्वाभिमान को सुरक्षित करने में बेबस हो तो आम अवाम का हाल इससे भी बद्तर हो सकता इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए ताकि देश का चौथा स्तंभ पूरी तरीके से स्वतंत्र होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सके खैर कार्यवाही के नाम पर डॉक्टर साहब को कौन सा पाठ पढ़ाया जाता है या विषय वक्त के चक्र में समय है।