सलोन के बाद डलमऊ रजिस्ट्री कार्यालय तक पहुंची फर्जीवाड़े की आग _____________________________________ डलमऊ रजिस्ट्री कार्यालय : असली जमीन के नकली मालिक बन बेच दी 4:30 बीघे जमीन ————————————————————— शिकोहाबाद के युवांशु की गंगापुर बरस में 4:30 बीघे जमीन के असली मालिक नकली ने किया खेल _____________________________________ महिला के रसूक पर हुआ फर्जीवाड़ा मुस्लिम युवक बन गया युवांशु कार्यालय डलमऊ में हुई रजिस्ट्री ?

डलमऊ रायबरेली।
सलोन में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र कि आग अभी तक शांत नहीं हुई इधर डलमऊ में फर्जीवाड़े की आग पनप उठी वहां फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का खेल अधिकारियों के रहमो करम पर खेला जा रहा था इधर रजिस्ट्री कार्यालय की साख के नीचे असली जमीन के नकली मलिक बन बनकर 4:30 बीघा जमीन का सौदा हो गया जो पूरे सिस्टम के मुंह पर तमाचा है दरअसल पूरा मामला प्रकाश पर तब आया जब जमीन के असली मालिक युवांशु यादव निवासी 1 बी 218 एमआईजी आवास विकास बस्ती शिकोहाबाद जिला फिरोजाबाद को हुई युवांशु की 4:30 बीघा जमीन गंगापुर बरस में है जिसका बैनामा सन 2020 में युवांशु ने कराया था लेकिन गजब तो तब हो गया जब युवांशु की फर्जी आईडी बनाकर एक महिला के रसूक पर पूरा खेल रचित किया गया जिसका नाम रामरति निवासी अरारी मजरे दूकनहा लालगंज जो प्रॉपर्टी डीलर की मुख्य भूमिका के तहत बैनामा के नाम पर क्रेता से 10000 वसूले व मोहम्मद यूनुस उर्फ पप्पू पुत्र राजा घुशी जो घोसियाना रायबरेली का रहने वाला है और छोटेलाल तथा भारत पुत्र बैजू बसंतपुर कठोइया की मिली भगत से क्रेता रेखा पत्नी अमित को झांसे में लेकर जमीन को 32 लाख में कूड़े के भाव बेच दिया गया और असली मालिक को कानों कान खबर नहीं हुई नकली मलिक ने पूरा सजरा तैयार कर तहसील डलमऊ रजिस्ट्री कार्यालय में फर्जी वाडे को अंजाम देने में सफल हुआ मामले का खुलासा क्रेता रेखा व अमित को दाखिल खारिज के वक्त जानकारी में आया तो कोतवाली डलमऊ मैं तहरीर देकर अपने साथ हुई ठगी का जिक्र की और कार्यवाही की मांग की वहीं दूसरी ओर जमीन के असली हकदार युवांशु ने भी अपने साथ हुए सनसनी खेज फर्जीवाड़े की पूरी पृष्ठभूमि तहसीलदार डलमऊ के सामने रखकर न्याय की गुहार लगाई साथ ही कोतवाली पुलिस को भी पूरे मामले से रूबरू कराया परंतु गजब तो तब हो गया जब जमीन का सौदा करने वाली डीलर रामरती ने मामले का खुलासा होता देख जमीन के मालिकान के ऊपर फिरौती और बंधक बनाने जैसे बेबुनियाद आरोपो का ठीकरा फोड़ दिया जो लालगंज पुलिस कि जांच में हवा हवाई निकले खैर देखने वाली बात तो यह होगी कि इतने बड़े फर्जी वाडे को जन्म देने वालो की गिरेबान तक कब कानून के हाथ पहुंचते हैं।
*सुलगते सवाल क्या….. किसी कर्मचारी की सह पर हुआ फर्जी वाडा कांड*
सवालों के कटघरे में तो डलमऊ रजिस्ट्री कार्यालय के हुक्मरान है जिनके कंधों पर फर्जीवाड़े से निपटने की जिम्मेदारी होती है। जमीन किसी की बेच किसी ने दी यह कैसे संभव क्या किसी की फर्जी आईडी बनाकर दूसरा व्यक्ति जमीन का सौदा कर सकता है जवाब है हा क्योंकि डलमऊ तहसील रजिस्ट्री कार्यालय में इस पूरे माजरे को अमली जामा पहनाया गया है। इतने बड़े फर्जी कांड से अगर परतदर परत राज खुले तो जद में कई कर्मचारी व अधिकारीयों की संलिप्ता से भी पर्दा उठ सकता है। अब देखना यह है की रजिस्ट्री कार्यालय के आला हुक्मरान इतने बड़े मामले से भ्रष्टाचारियों का राज खोलने में कौन सा राग अलापते है।
…..*क्या वोले उप जिलाधिकारी डलमऊ*
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*इस प्रकरण में हमारे संवाददाता ने उपजिलाधिकारी डलमऊ से सम्पर्क साधा तो उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में उन्होंने पदभार ग्रहण किया उक्त प्रकरण जानकारी में नहीं है*