
रसूलाबाद कानपुर देहात।
कस्बे में स्थित धर्मगढ़ बाबा मंदिर में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी विजयादशमी के पश्चात भरत मिलाप कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इसके बाद मंदिर पांडाल में विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जहां भारत के कोने-कोने से आए कवियों ने अपनी कविताओं से लोगों का मन मोह लिया। रीवा मध्य प्रदेश के कवि दीपक शुक्ला ने पैसे वाले बूढ़े जब दूसरा विवाह करें, लगता है फिर से बाहर नई आ गई है। घोड़ी नई संग बूढ़ा देखा, मानो एक्सपायरी डेट की दवाई पाई है।। कविता से सभी युवाओं को हंसाया तो वहीं
औरैया के कवि प्रदीप पांडेय ने आजादी नहीं मिली विनती से और बातों से, आजादी मिली हमें इंकलाब के नारों से कविता पढ़ी तो युवाओं में देशभक्ति का जोश देखने को मिला। वही इटावा की सरजमी से आए प्रसिद्ध कवि गौरव चौहान ने भी अपनी उर्जा भरी कविताओं से सबको अपनी ओर खींचा। वहीं महिला कवयित्री नीरू श्रीवास्तव ने कवि सम्मेलन का आगाज शारदे मां की वंदना के साथ किया था। इस दौरान सत्संग मंडल के कई पदाधिकारी,कार्यकर्ता सहित कस्बा वासी मौजूद रहे।
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