टेक्नोलॉजी

हत्या के मामले में अभियोजन नहीं सिद्ध कर पाया आरोप अभियुक्त बरी

रिपोर्टर उमाकांत कश्यप

तीन दिन बाद पुलिस ने दर्ज की हत्या की रिपोर्ट* *घटना के समय आरोपिता थी ससुराल में

ADG फास्ट ट्रैक कोर्ट ने विवेचक व दरोगा की लापरवाही पर शासन को कार्रवाई के लिए लिखा

कानपुर देहात सजेती थाना क्षेत्र में वर्ष 2018 में हुई हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन आरोपी की पुष्टि नहीं कर सका। जबकि साक्ष्य के दौरान आरोपित की घटना के तीन-चार दिन पहले से ससुराल हरदोई में होने की बात सामने आई मामले में त्रुटि पूर्ण विवेचना व समुचित साक्ष्य उपलब्ध न होने से फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपिता को दोष मुक्त कर दिया।

वही विवेचना व साक्ष्य संकलन में लापरवाही तथा कर्तव्य का सही ढंग से पालन न करने पर तत्कालीन थाना अध्यक्ष व एक दरोगा के खिलाफ जांच कर कठोर कार्यवाही किए जाने के लिए शासन व DGP को आदेश की प्रति भेजी गई है। सजेती थाना क्षेत्र के बिरियापुर गांव में रहने वाले मृतक कल्लू उर्फ अखंड प्रताप का शव खेत में पड़ा मिला था। उसके चाचा पंचम सिंह ने उसी दिन इसकी लिखित सूचना सजेती पुलिस को दी थी। मामले में घटना के तीन दिन बाद 11/ 7/ 2018 को पुलिस ने हत्या व साक्ष्य छुपाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।

इसमें गांव की ही रहने वाली सोनी देवी पर हत्या व साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपिता को उसकी ससुराल हरदोई से गिरफ्तार कर चालान किया था। साथ ही आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। इस मुकदमे की सुनवाई मौजूदा समय में एडीजे फास्ट ट्रैक आनंद प्रिय गौतम की कोर्ट में हो रही थी। बचाव पक्ष की सीनियर अधिवक्ता सरोज दीक्षित ने बताया कि मामले में तीन दिन बाद रिपोर्ट दर्ज होने के साथ ही अभियोजन गवाह ने अपने बयान में आरोपित की घटना के तीन-चार दिन पहले से ससुराल हरदोई में मौजूद होने की स्वीकारोक्ति की, वही सजेती में तैनात दारोगा रोहित कुमार द्वारा मृतक के माता-पिता आदि के पांच मोबाइल 11/ 7/ 2018 को कब्जे में लेने के बाद उनको 10/ 8/ 18 में लिखा पड़ी फर्द में अंकित किया। लेकिन इन सभी मोबाइल की सीडीआर नहीं निकलवाई। घटनास्थल से चूड़ियों के कुछ टुकड़े बरामद दर्शाये लेकिन उन टुकड़ों का आरोपित की चूड़ियों से मिलान नहीं कराया गया। आरोपी पर प्रेम प्रसंग में हत्या करने का आरोप लगाया लेकिन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने मृतक कल्लू की मौत लटकाना बताया साथ ही एक महिला का अकेले कल्लू को लटका पाने की संभावना से इनकार किया। इन तथ्यों के साथ ही बचाव पक्ष की सीनियर अधिवक्ता सरोज दीक्षित की धुआंधार बहस व दलीलों से अभियोजन आरोपी सोनी पर आरोपों की पुष्टि करने में बिफल रहा। इस पर कोर्ट ने आरोपिता को दोष मुक्त करने के साथ ही तत्कालीन थाना अध्यक्ष व विवेचक राजेश कुमार रावत व रोहित कुमार द्वारा बरती गई लापरवाही व कर्तव्यों का सही ढंग से पालन न करने के कारण दोनों के खिलाफ जांच कर कठोरतम कार्रवाई करने के लिए शासन व डीजीपी को आदेश किया। साथ ही जजमेंट की प्रति भी शासन व डीजीपी को भेजने का भी आदेश दिया है।

*गलत आरोप मैं सब कुछ गम बैठी सोनी*

कल्लू उर्फ अखंड प्रताप की हत्या में आरोपित होने के बाद सोनी देवी को उसकी ससुराल हरदोई से पुलिस ने गिरफ्तार किया था इससे क्षुद्ब होकर उसके पति ने आत्महत्या कर ली थी। सोनी देवी की शादी जून 2018 में हुई थी 8 जुलाई की हुई कल्लू की हत्या में उसको गिरफ्तारी से एक मांह मैं ही उसका सुहाग उजड़ गया। जेल जाने पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद मिली जमानत पर वह जेल से रिहा हुई गिरफ्तारी के समय वह गर्भवती थी। ससुराल जाने पर ससुराली जनों ने उसे मनहूस बताकर उसे वापस भगा दिया। और संबंध विच्छेद कर लिए 6 साल त्रासदी झेलने के बाद वह कोर्ट से तो दोष मुक्त हो गई लेकिन इस बीच सुहाग शहित उसने सब कुछ गमा दिया।

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