टॉप न्यूज़

स्वामित्व योजनान्तर्गत संपत्ति कार्ड वितरण कार्यक्रम कल

रिपोर्टर उमाकांत कश्यप

कानपुर देहात 17 जनवरी 2025

 

जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा स्वामित्व योजनान्तर्गत संपत्ति कार्ड वितरण कार्यक्रम में दिनांक 18 जनवरी, 2025 को अपरान्ह-12.30 बजे मा० प्रधानमंत्री, माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का लाइव प्रसारण जनपद मुख्यालय एवं कतिपय ग्राम पंचायतों में किये जाने के साथ ही स्वामित्व योजना के लाभ से जन सामान्य को अवगत कराया जाना तथा कार्यक्रम के दौरान स्वामित्व्व योजनान्तर्गति विकसित संपत्ति कार्ड /घरौनियों का वितरण संबंधित लाभार्थियों को किये जाने के निर्देश दिये गये है। उक्त निर्देश के क्रम में कल जनपद स्तर पर इको पार्क माती में, तहसील स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर व ग्राम पंचायत स्तर पर संपत्ति कार्ड के वितरण का कार्यक्रम किया जाएगा। जिसके लिए नोडल अधिकारी,सहायक नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। उन्होंने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि स्वामित्व योजना को पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एसओआई) के संयुक्त प्रयासों से लागू किया जा रहा है। जनपद की विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्वामित्व कार्ड वितरण किये जाने के साथ ही इस अवसर पर प्रदेश की नियत ग्राम पंचायतों में प्रातः 10.00 बजे से राष्ट्रीय ग्राग स्वराज अभियान योजनान्तर्गत क्षमता संवर्द्धन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हुये स्वामित्व योजना के लाभ से जन सामान्य को अवगत कराये जाने व कार्यक्रम के दौरान स्वामित्व योजनान्तर्गत विकसित प्रापर्टी कार्ड का वितरण संबंधित लाभार्थियों को किये जाने के निर्देश दिये गये है।

स्वामित्व योजना के अंतर्गत तैयार किए गए मानचित्र भू-संदर्भित मानचित्र हैं, जो ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में संपत्तियों की डिजिटल छवियों को कैप्चर करते हैं। इसके अलावा, ई-पंचायत मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) के तहत, पंचायती राज मंत्रालय ने एमएक्शनसॉफ्ट नामक मोबाइल आधारित समाधान लॉन्च किया है, जो आउटपुट के रूप में संपत्ति वाले कार्यों के लिए जियो-टैग (यानी जीपीएस निर्देशांक) के साथ तस्वीरें कैप्चर करने में मदद करता है। उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि परिसंपत्तियों की जियो-टैगिंग तीनों चरणों में की जाती है, जैसे (i) कार्य शुरू होने से पहले, (ii) कार्य के दौरान और (iii) कार्य पूरा होने पर। इससे प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संचयन, सूखा निवारण, स्वच्छता, कृषि, चेक डैम और सिंचाई चैनल आदि से संबंधित सभी कार्यों और परिसंपत्तियों की जानकारी का भंडार उपलब्ध होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button