रायबरेली (लालगंज) मदरसा दारूल उलूम इस्लामिया वारसिया बाल्हेमऊ ऐहार में मुहर्रम की 7 तारीख़ को मज़लिस ए इमाम हुसैन का आयोजन किया गया। इस मज़लिस में हज़रत इमाम हुसैन और कर्बला के 72 शहीदों की शहादत की दास्तान सुनाई गयी।मज़लिस में उपस्थित सभी हुसैनी जिक्र ए इमाम हुसैन व लब्बैक या हुसैन के नारों से झूम उठे। उन्होंने इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। हाफ़िज़ व कारी अब्दुल जलील साहेब ने कर्बला के शहीदों का ज़िक्र किया और बताया कि इस्लाम हमेशा इंसानियत सिखाता है। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन की शहादत ने इंसानियत के लिए एक मिसाल कायम की है। आखिर में उन्होंने हिंदुस्तान की सलामती व भाई चारे के लिए दुआ की। इस मौके पर हाफ़िज़ हारुन, हाफ़िज़ अब्दुल हफीज, हाफ़िज़ व कारी अब्दुल जलील, मो मुस्ताक, मो जलील, मो गफ्फार, मो o हफ़ीज़, मोहम्मद इमरान (सिम्मी) मो सलमान, मो आलम, मो रईस, अज़ीज़ कादरी, मो सुहैल, दानिश, कादिर, नसीरुद्दीन सहित कई लोग मौजूद रहे। इस मजलिस में इमाम हुसैन की शहादत को अकीदत के साथ याद किया गया।