स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पुत्रवधू वृद्ध लगभग 85 वर्ष न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही अधिकारी नहीं चेत रहे ———————————————————————-आजादी के समय जिस परिवार ने कुर्बानियां की उसकी नहीं सुनी जा रही है आज

कानपुर देहात
स्वतंत्रता सेनानी लल्लू दुबे की कुलवधु रामजानकी पत्नी स्व० लखनलाल उम्र लगभग 82 वर्ष निवासिनी डुढवापुर तहसील भोगनीपुर जिला कानपुर देहात निवासिनी है जिन्होंने अपने शिकायती पत्र में बताया कि उनके ससुर लल्लू दुबे स्वतंत्रता सेनानी थे व उनका भी कोई पुत्र नहीं है। उनके पास ग्राम में गाटा सं0-37 रकबा 0. 410हे० व गाटा सं0-36 रकबा 0.072हे0 कृषि भूमि 1390 फसली से काबिज़ दखील चली आ रही है। उनके पति व ससुर का जमींदारी के पूर्व से उक्त आराजी पर कब्जा दखल चला आ रहा है। दिनांक 05/04/1976 को परगना अधिकारी ने उक्त आराजी को खारिज कर दिया था जब उनके ससुर व पति उक्त आराजी के सम्बन्ध में न्यायालय अपर आयुक्त प्रशासन कानपुर मण्डल के न्यायालय में निगरानी सं0-36/99 वाद लखनलाल बनाम भूमि प्रबन्ध समिति आदि के नाम से धारा 219 के अन्तर्गत दाखिल किया था जिसका निर्णय 10/05/1999 को उनके पति के नाम पर किया जा चुका है। उसके पश्चात आदेश के अनुपालन में खाता संख्या-82 पर किया गया और वर्तमान समय में लगभग 25 वर्षों से चला आ रहा है। उक्त भूमि अभी तक संक्रमणीय भूमि घर अंकित नहीं की गयी है। वर्तमान समय में वे 85 वर्ष की सीमा पार कर अति वृद्ध होने के कारण उनकी भूमि को वर्तमान ग्राम प्रधान द्वारा चुनावी रंजिश को रंजिश मानते हुए गांव समा में दर्ज कराने हेतु एक माह पूर्व धमकी दी थी। उनका कहना है कि उनकी भूमि को सुरक्षित रखने के लिए उक्त भूमि का संक्रमणीय भूमिधरी किया जाना न्यायहित में परम आवश्यक है। उक्त भूमि प्रार्थिनी के ससुर व पति के नाम लगभग 82 वर्षों से काबिज दखील चली आ रही है। उनके द्वारा वर्तमान खतौनी की छायाप्रति व पूर्व पारितआदेश की छायाप्रति साथ में संलग्न कर जिलाधिकारी के समक्ष भी प्रस्तुत हो चुकी है। मा0 उच्च न्यायालय के द्वारा दिये गए निर्देशों के क्रम में यह व्यवस्था है कि यदि कोई व्यक्ति संबंधित भूमि पर विगत वर्षों से काबिज़ है व वह भूमि उसके नाम से दर्ज है तो संबंधित भूमि
उक्त संबंध में अपर जिलाधिकारी केशव नाथ गुप्त से वार्ता की उन्होंने कहा हमारे संज्ञान में नहीं है शीघ्र ही वृद्धि के नाम के जमीन अंकित कराई जाएगी एक प्रार्थना पत्र जिला अधिकारी को दे दो
क्षेत्रीय लेखपाल से वार्ता नहीं हो पाई