क्राइमटॉप न्यूज़

खखरेरू थाने के थानाध्यक्ष से क्षेत्र की जनता अपने को मान रही असंतुष्ट थानाध्यक्ष क्षेत्र में अपराध को रोक पाने में हो रहे असफल………

श्री राम अग्निहोत्री

👉 क्या थानाध्यक्ष की जगह तथाकथित साथी चला रहे थानध्यक्षी……? खखरेरू थाने में खखरेरू कस्बा, पुरमई चौकी में सड़वा चौराहा शिवपुरी चौकी क्षेत्र में बैरी गांव गांजा बिक्री में सबसे आगे क्या पुलिस की कहीं दिख रही सहभागिता…..?

 

👉 पंडित जी और पटेल जी एवं जयसवाल जी का गांजा का कारोबार किसके इशारे से खूब फल फूल रहा है…..?

 

👉 लंबे अरसे से बिक रहा गांजा पंडित जी और पटेल जी एवं जयसवाल जी को पकड़ने में पुलिस क्यों हो रही नाकाम…..? 

 

 👉 क्या नशे के कारोबार को रोक नहीं पाएगा खखरेरू थाना या आबकारी….? 

 

👉 पुलिस अधीक्षक के आदेशों को क्यों नहीं मान रहे थानाध्यक्ष व उनके दो करखास सिपाही,व उप निरीक्षक….? 

 

 

*फतेहपुर।* खखरेरू थाने से महज कुछ दूरी पर रावण मैदान के पास से बिक रहा गांजा, बैरी गांव में प्रधान जी के हाते के अंदर गांव में इसी प्रकार पुरमई चौकी के सड़वा चौराहा तीन गांजा माफियाओं ने बना रखी है खखरेरू थाना प्रभारी से अच्छी खासी गुफ्तगू , जिससे बेधड़क होकर गांजा माफिया बेच रहे गांजा ,काफी लम्बे अरसे से बिक रहा गांजा , इस क्षेत्र में इनका नाम किसी की भी जुबा से नही हटता । *पंडित शुक्ला जी, प्रधान पटेल जी पंडित प्रधान मिश्रा जी, जयसवाल जी* ने थानाध्यक्ष और आबकारी में इतनी पैठ बना रखी है कि उनको हिला पाना मुश्किल ही नहीं असंभव है। इन तीनों गांजा माफियाओं की सत्ता पक्ष से भी पकड़ होने से उनकी महीने में लाखों रुपये की कमाई होती है और उसी की कमाई से थानेदार साहब से लेकर अपने हल्का इंचार्ज और सिपाहियों को मालामाल किए रहते हैं। लेकिन खखरेरू थाना क्षेत्र के पंडित जी, पटेल जी, जयसवाल जी तीनों की मजबूत सेटिंग होने से घर के अंदर से लेकर कस्बे में जगह बदल बदल कर घूम घूम कर इनके द्वारा गांजा बेचा जाता है।

खुलेआम शासन की धज्जियां उड़ाई जा रही है खखरेरू थाने में ये सब करना आम बात हो गई है, कैसे भी अपराध करना हो थानाध्यक्ष साहब को चढ़ावा पहुचाओ और साहब की तरफ से खुली छूट पाओ, कब रुकेगा खखरेरू थाने में अपराध ,

 

खखरेरू थाना प्रभारी ने थाने का प्रभार संभाला और साहब ने आधुनिक तरीके से क्षेत्र में अपराध को बढ़ावा दे डाला , साहब को पुलिस अधीक्षक का डर कतई नहीं है, वो कुछ भी आदेश करे उनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है साहब को सिर्फ अपने हिसाब से थानेदारी चलाना है।

साहब के साथ कुछ तथाकथित स्पेशल टीम के दो साथी का बहुत ही मजबूत जुड़ाव है अगर तथाकथित साथी उनसे कहे की क्षेत्र में इस तरीके से काम होना है तो साहब उनकी बात नहीं टालेंगे , तथाकथित साथी ने क्षेत्र में अपना दबदबा बनाकर थाने का कोई भी छोटा बड़ा काम हो सारी व्यवस्थाओ में हाजिर होते है ।

 

कब क्षेत्र में फैलेगी शांति और क्षेत्र के लोगो को कौन दिलायेगा न्याय ,कैसे सुधरेगी थाने की व्यवस्थाएं,या सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा, किसकी लगी नजर इस क्षेत्र को जिससे नही रुक पा रहे अपराध……?

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