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काली देवी मंदिर में गत वर्षो के भांति इस वर्ष भी श्रीमदभागवत

संपादक उमाकांत कश्यप

रसूलाबाद कानपुर देहात।

 

हमारे अहंकार को मिटाने के लिए मां जगदंबा मां काली के रूप में उपस्थित हुई है हमारे मन में मो रूपी अंधकार रूपी राक्षस बैठ जाता है तो वही मां जगदंबा भागवत के रूप में अंधकार रूपी राक्षस का विनाश करती है यह बात श्रीमद् भागवत कथा वाचक साध्वी रूपम राघव ने श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए द्वितीय दिवस को कही।

रसूलाबाद क्षेत्र के उसरी में स्थित काली देवी मंदिर में गत वर्षो के भांति इस वर्ष भी श्रीमदभागवत ज्ञान यज्ञ एवं कलश यात्रा के साथ हुआ। जहां गुरुवार को मंगल कलश यात्रा के पश्चात विधि विधान से भागवत पाण्डाल में कलशों को स्थापित किया गया। वहीं दूसरे दिन की कथा का रसपान कराते हुए मुख्य वक्ता साध्वी रूपम राघव ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा के महत्व को समझना चाहिए, जिससे जीवन सुधर जाएगा। देवताओं ने अमृत की जगह श्रीमद भागवत कथा के कलश को चुना। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले स्वयं की व्यवस्थाएं सुचारू रहती थी लेकिन आज के युग में लोग मॉडर्न कहकर पुरातन संस्कृति को भूल रहे हैं और मॉडर्न होने का दम्भ भर रहे हैं। हमें अपने धर्म और शास्त्रों के आधार पर जीवन जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लोग उल्टे घड़े की भाँति होते जा रहे हैं कृपा तो बरस रही है लेकिन उस कृपा को कोई ग्रहण नहीं कर रहा है। इस मौके पर प्रमुख रूप से सत्य देवी काली मंदिर संस्था के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह,उपाध्यक्ष किरन सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, सर्वेश पाल,आशु शर्मा, राजल सिंह, ननकू बाथम, परमू संखवार, चंदर संखवार, छुन्नू संखवार,राम प्रकाश पूर्व प्रधान, सेठ संखवार,नरेश कठेरिया आदि रहे।

 

 

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