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अकबरपुर में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई गई महर्षि बाल्मीकि की जयंती

उमाकांत कश्यप

सभासद प्रतिनिधि बबलू भारती महर्षि बाल्मीकि जी की उतारते आरती

कानपुर देहात।

17-10-2024 गुरूवार को नगर पंचायत अकबरपुर में महर्षि बाल्मीकि की जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई गई। साथ ही अकबरपुर क्षेत्र के लोगो ने महर्षि बाल्मीकि की रैली का सुन्दर-सुरन्द झाकियो के साथ नगर भ्रमण कराया गया। जिसमें अकबरपुर के अत्याधिक लोग महर्षि बाल्मीकि शामिल हुये। इसके साथ ही नगर पंचायत अकबपुर के वार्ड नंबर 04 सभासद प्रतिनिधि बबलू भारती ने बाल्मीकि जी की आरती उतार की मूर्ति को फूलमाला पहनाया। और लोगो को श्री महर्षि बाल्मीकि के जीवन से जुडी जानकारियॉ देते हुये कहा कि ऋषि वाल्मीकि ने रामायण महाकाव्य की रचना की थी. वाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर जगह- जगह झांकी निकाली जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पहले वाल्मीकि जी डाकू थे और वन में आने वाले लोगों को लूट कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. बाद में ऋषि वाल्मीकि ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए और अपने पापों की क्षमा याचना करने के लिए कठोर तप किया. वाल्मीकि अपने तप में इतने लीन थे. उन्हें इस बात का भी बोध नहीं हुआ कि उनके शरीर पर दीमक की मोटी परत जम चुकी है. जिसे देखकर ब्रह्मा जी ने रत्नाकर का नाम वाल्मीकि रखा दिया। एक बार जंगल से गुज़र रहे नारद मुनि से रत्नाकर ने लूट की कोशिश की, तो नारद मुनि ने उनसे पूछा कि वे ऐसा क्यों करते हैं। रत्नाकर ने बताया कि वे यह सब अपने परिवार के लिए करते हैं. नारद मुनि ने पूछा कि क्या उनका परिवार उनके पापों का फल भोगने को तैयार है। रत्नाकर ने परिवार से पूछा, तो सभी ने मना कर दिया. इस घटना के बाद रत्नाकर ने सभी गलत काम छोड़ दिए और राम नाम का जाप करने लगे. कई सालों तक कठोर तप के बाद उनके शरीर पर दीमकों ने बांबी बना ली, इसी वजह से उनका नाम वाल्मीकि पड़ा। इसी के साथ नगर पंचायत क्षेत्र के लोगो ने श्री महर्षि बाल्मीकि की सुन्दर झाकियो के साथ बडी तादात में जलूस में लोग शमिल हुये। इस अवसर पर अध्यक्ष पंकज बाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि, विजय, रामजी, सुनील , शोले, पप्पू बाल्मीकि, रोहित, राजन ,कमल, मोहित ,लखन ,जीतू साहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष एवं पुलिस प्रशासन मौजूद रहे।

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