रायबरेली (बछरावां ) – मोहर्रम को रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना माना जाता है ऐसा माना जाता है कि मोहर्रम वह समय होता है जब अल्लाह ने लड़ाई झगड़े पर रोक लगा दी थी । मोहर्रम के महीने में मुसलमान जरूरतमंदों को दान भी देता है और नोहा नामक नात भी (गीता) गाते हैं । मोहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है । इसी कड़ी में शनिवार को करीब 9 बजे बछरावां के बांध टोला से हुसैनी कमेटी ने ताजिया रखी । जिसके बाद रियाजद्दीन ने फातिहा पढ़ी।
इमाम ए हुसैन की याद में बांध टोला के मोहम्मद साद ने स्टाल लगाकर लोगो को शर्बत बाटा। वही हसनैन रायनी की तरफ से लंगर का आयोजन भी किया गया । और कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बिरयानी व पुलाव भी लोगों में तकसीम किया । इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार आज 9 वीं तारीख को इमाम हुसैन कर्बला के मैदान में गए थे । यजीद ने इमाम हुसैन के ऊपर तमाम जुल्म किए । यहां तक कि पानी पीने पर भी रोक लगा दी । और 10 वीं तारीख को उनको शहीद कर दिया गया । इमाम हुसैन की याद में आज मोहर्रम अकीदत के साथ बछरावां में मनाया जा रहा है । इस दौरान बछरावां की पुलिस मुस्तैद दिखी ।